शुरू न हो जाये!

एक बार संता शाम को घर आया, टी. वी. चालू किया और सोफे पर बैठते ही जीतो से बोला, "इससे पहले की शुरू हो जाये जल्दी से मेरे लिए चाय लेकर आओ।"

जीतो को कुछ अजीब लगा पर वो चाय बना कर ले आई।

चाय पीते-पीते संता दोबारा जीतो से बोला, "इससे पहले शुरू हो जाये, मेरे लिए कुछ खाने के लिए भी लेकर आओ।"

जीतो को थोड़ा गुस्सा आया पर उसने संता को कुछ खाने के लिए भी दे दिया और वापस अपने काम में लग गयी।

थोड़ी देर बाद संता दोबारा बोला, "इससे पहले की शुरू हो जाये, यह बर्तन उठाओ यहाँ से।"

जीतो का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुँच गया और संता पर चिल्लाते हुए बोली, "मैं तुम्हारी कोई नौकरानी नहीं हूँ, जो मुझ पर इस तरह अपना हुकुम चला रहे हो। जब से आओ कुछ न कुछ हुकुम किये जा रहे हो जैसे यहाँ कोई तुम्हारा गुलाम है।"

संता उठा और गहरी सांस लेते हुए बोला, "लो शुरू हो गया।"

Share this:

    Blogger Comment
    Facebook Comment